कोरोनावायरस से CRPF में मचा हड़कंप, जवान का सैंपल जांच के लिए मुंबई भेजा

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में कोरोनावायरस का पहला संदिग्ध मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ में तैनात सीआरपीएफ की 219वीं बटालियन के एक जवान के सेंपल लेकर जांच के लिए मुंबई भेजा गया है। तब तक सिपाही को आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया गया है। उसके आसपास की सभी बैरकों में जवानों की जांच शुरू कर दी गई है।



 

यह जवान केरल में अपने घर 30 दिन की छुट्टी पर गया था। उसकी मां को दिल की बीमारी थी। उसका इलाज कराने के लिए वह उसे अलेप्पी के सिविल अस्पताल में ले गया। वहां पर पहले से ही इटली के तीन नागरिक को कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीज के तौर पर भर्ती कराया गया था। हालांकि उन तीनों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था।

वह जवान 10 मार्च को जब अपनी ड्यूटी पर वापस आया, तो शाम को उसे बुखार और खांसी की शिकायत हुई। सुकमा से बुलाए गए डॉक्टरों ने उसकी जांच की। वह सिपाही तीस दिन की छुटी 'ईएल' लेकर अलेप्पी गया हुआ था।

हालांकि अलेप्पी के जिला अस्पताल में सीधे तौर पर सीआरपीएफ के सिपाही और इटली के तीन नागरिकों के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई, लेकिन उनका आइसोलेशन वार्ड बिल्कुल निकट ही था।

अपनी मां के इलाज के चलते सिपाही को काफी देर तक उस अस्पताल में रहना पड़ा। शाम को उसे खुद की तबियत खराब होने का अंदेशा हुआ, लेकिन उसने सामान्य थकान जैसा कुछ मानकर घरेलू इलाज कर लिया। 10 मार्च को वह अपनी बटालियन में पहुंच गया। वहां रात को उसे तेज बुखार के साथ खांसी भी आती रही।

बटालियन के मेडिकल अफसर ने उसकी जांच कर सुकमा जिले के सीएमओ को मामले की जानकारी दी। शाम को सिपाही के खून के नमूने ले लिए गए। सीआरपीएफ का कहना है कि अभी इसे कोरोनावायरस का पॉजिटिव केस नहीं माना जा सकता। अभी जांच रिपोर्ट आनी है। उसके बाद ही कुछ पक्के तौर कहा जा सकता है।
 

इस मामले के बाद बटालियन में हड़कंप मच गया। चूंकि वह सिपाही कुक था और उसने जवानों के लिए एक दिन का खाना भी बनाया था। वह कई जवानों के संपर्क में रहा। इसके चलते अब सभी जवानों की जांच शुरू कर दी गई है।

उस सिपाही के आसपास रहने वाले सभी लोगों के सेंपल लिए जा रहे हैं। इसके बाद बटालियन में यह आदेश जारी कर दिया गया कि छुट्टी या कहीं बाहर से लौटने वाले सभी जवानों को पहले आइसोलेशन वार्ड में रहना होगा। जब डॉक्टर उन्हें क्लीन चिट देंगे, तो ही वे दूसरे जवानों के बीच आएंगे।